न्याय वाक्य (SYLLOGISM) :- न्याय वाक्य में कथन दो प्रकार के होते है -
- सार्वभौम (Universal)
- विशेष (Particular)
- धनात्मक (Positive)
- ऋणात्मक (Negative)
- नियम 1
- जब दो कथन धनात्मक हो , तो उन दोनों से निष्कर्ष निकालेगा वह भी धनात्मक होता है।
- जब एक कथन धनात्मक व दूसरा कथन ऋणात्मक हो , तो उन दोनों से निष्कर्ष निकालेगा वह भी ऋणात्मक होता है।
धनात्मक(कथन) + ऋणात्मक(कथन) = ऋणात्मक(निष्कर्ष)
- जब दोनों कथन ऋणात्मक हो तो उन दोनों से निष्कर्ष निकलेगा ही नहीं।
- नियम 2
- सभी (कथन) >>>>>>>>> 100 50
- कुछ (कथन) >>>>>>>>> 50 50
- कोई नहीं (कथन) >>>>>> 100 100
- कुछ नहीं (कथन) >>>>>> 50 100
- नियम 3
100 होने चाहिए।
इसको समझने के लिए पीडीएफ देखे
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