गणित की ट्रिक्स

Friday 16 September 2016

न्याय वाक्य (SYLLOGISM) Without Venn Diagram || New Reasoning tricks in hindi || SSC || IBPS-2016 || CGL





न्याय वाक्य (SYLLOGISM) :- न्याय वाक्य में कथन दो प्रकार के होते है -

  1. सार्वभौम (Universal)
  2. विशेष (Particular)
इन दोनो कथनों के भी दो प्रकार होते  है- 

  1. धनात्मक (Positive)
  2. ऋणात्मक (Negative)
न्याय वाक्यो के नियम (Law Of Syllogism)

  • नियम 1 
  • जब दो कथन धनात्मक हो , तो उन दोनों से निष्कर्ष निकालेगा वह भी धनात्मक होता है।  
          धनात्मक(कथन) +  धनात्मक(कथन) = धनात्मक(निष्कर्ष)

  • जब एक  कथन धनात्मक व दूसरा कथन ऋणात्मक हो , तो उन दोनों से निष्कर्ष निकालेगा वह भी ऋणात्मक होता है। 

          धनात्मक(कथन) +  ऋणात्मक(कथन) = ऋणात्मक(निष्कर्ष)

  • जब दोनों कथन ऋणात्मक हो तो उन दोनों से निष्कर्ष निकलेगा ही नहीं।  
          ऋणात्मक(कथन) +  ऋणात्मक(कथन) = निष्कर्ष नहीं निकलेगा 


    • नियम 2 

    1. सभी (कथन) >>>>>>>>> 100         50 
    2. कुछ (कथन) >>>>>>>>>  50           50 
    3. कोई नहीं (कथन) >>>>>>  100        100 
    4. कुछ नहीं (कथन) >>>>>>   50         100 

    • नियम 3 
             जब दो कथनो से निष्कर्ष निकलेगे , तो एक अंश दोनों में comman  होना चाहिए तथा उस अंश में एक के पास 
            100 होने चाहिए।  

                                      इसको समझने के लिए पीडीएफ देखे 

    1 comment:

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